Trending Tahalka News : दुनिया की सबसे मुश्किल एग्जाम में से एक यूपीएससी की परीक्षा देने वाला केंडिडेट बेहद खास होता है। लेकिन आज हम जिस सख्शियत के बारे में बात करने वाले हैं वह थोड़े अनोखे हैं। दरअसल इनका नाम बिहार में चल रहे तबादला एक्सप्रेस के समय उभर कर सामने आया जहां पर पहले ही चार आईएएस अधिकारी को ट्रांसफर किया जा रहा था। आइए जानते हैं इनके जीवनशैली और आरंभिक शिक्षा से लेकर आईएएस बनने के सफर तक की सारी बातों के बारे में डिटेल में।
दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि रविवार का दिन होने के बाद भी कुमार रवि दिन भर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके दौरा कार्यक्रम में मौजूद रहे। वह पटना में बाढ़ व जलजमाव का हाल जानने निकले थे। इस दौरान कुमार रवि ने सीएम को जगह जगह जलजमाव व बाढ़ से बचने के लिए की गई व्यवस्थाएं दिखाईं। शाम को जब चार आईएएस अधिकारियों के तबादले की लिस्ट आई, तो उसमें कुमार रवि का भी नाम था। कुमार रवि का ट्रांसफर मुख्यमंत्री सचिवालय में किया गया है और उनकी जगह आईएएस अधिकारी मयंक वरवड़े को पटना का नया कमिश्नर बनाया गया है। कुमार रवि इससे पहले पटना के डीएम भी रहे हैं। आइए जानते हैं कि आईएएस कुमार रवि कौन हैं और उन्होंने कैसे अपने करियर की शुरुआत की?
बिहार के इस जिल्ले से संबंधित हैं रवि कुमार
आईएएस अधिकारी कुमार रवि का जन्म बिहार के नालंदा में हुआ। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई वहीं हुई। कुमार रवि ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। अपनी लगन और मेहनत के दम पर उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 142 हासिल किया। जिसके बाद उन्हें आईआईटी कानपुर में एडमिशन मिल गया। यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री पूरी की।
इस काम से किया था करियर की शुरूआत
कुमार रवि ने आईआईटी से बीटेक (B।tech) करने के बाद वर्ष 2001 में दिल्ली स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में बतौर इंजीनियर नौकरी ज्वाइन कर लिया। वह यहां जनवरी 2002 तक कार्यरत रहे, लेकिन उनका मन प्राइवेट नौकरी में लगा नहीं, उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। नियति को भी कुछ और ही मंजूर था। लिहाजा, ईश्वर ने उनकी सुन ली और वह सिविल सेवा परीक्षा 2003 में चयनित होकर भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में शामिल हो गए। उन्होंने बतौर आयकर सहायक आयुक्त के रूप में कार्य किया।
जानें कैसे तय किया नौकरी से आईएएस बनने का सफर
आयकर विभाग की नौकरी पाने के बाद भी वह सिविल सर्विसेज की तैयारी में लगे रहे और आखिरकार वर्ष 2005 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में भी चयनित हो गए। कुमार रवि ने बिहार कैडर में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने वर्ष 2008 में सुपौल जिले में बाढ़ के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राज्य सरकार के राहत व पुनर्वास योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया। जब वह सुपौल के जिला अधिकारी रहे, तो इस दौरान उन्होंने 2009 के विधानसभा उपचुनाव, 2010 के विधानसभा चुनाव, 2011 के पंचायत चुनाव और 2012 के PACS चुनाव आदि भी कराए।
इन शहरों में भी कर चुके नौकरी
कुमार रवि ने सुपौल आदि जिलों के साथ साथ दरभंगा जिला के डीएम भी रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई सराहनीय कार्य किए। इसके अलावा गया जिले में भी उनकी पोस्टिंग रही। यहां भी उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति व्यवस्था बहाल की। यही नहीं वह जनवरी 2018 में पटना के DM बने यहां भी उन्होंने अतिक्रमण मुक्त अभियान और यातायात व्यवस्था ठीक करने में पहल की। अब वह पटना के कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे, जिसके बाद अब उनका तबादला सीएम सचिवालय में कर दिया गया है। IIT कानपुर ने कुमार रवि को 2020 में सत्येंद्र के। दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया था।